सुश्री रेखा कुमारी शोधार्थी एवं अतिथि सहायक आचार्य अर्थशास्त्र विभाग, कला, शिक्षा व सामाजिक विज्ञान संकाय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं राजकीय महाविद्यालय, पिड़ावा, झालावाड़ (राजस्थान) भारत |
शोध सारांश
प्रस्तुत शोध पत्र में महाराष्ट्र की आदिकवियत्री के नाम से प्रसिद्ध देश की प्रथम शिक्षित महान् महिला, समाज सुधारक एवं अद्भुत बहुमुखी प्रतिभा की धनी सावित्रीबाई फुले के सामाजिक, आथिर्क एवं शैक्षिक विकास में योगदान के विभिन्न आयामों का सतत् विकास हेतु विस्तार से विश्लेषण कर ध्यान केन्द्रित किया गया हैं। सावित्रीबाई फुले का मुख्य उद्देश्य ऐसे समाज की स्थापना करना था जो अज्ञानता, कट्टरता, अशिक्षा, अभाव और भूख से मुक्त हो और महिलाएं व वंचित वर्ग मानवीय, गरिमापूर्ण, बंधन मुक्त, व स्वतंत्रत जीवन व्यतीत कर सके । ताकि हमारे देश का ‘ एक विकसित भारत, एक श्रेष्ठ भारत, एक नव भारत का सपना मूर्त रूप ले सकें। तथा साथ ही हमारे देश का सतत्, निरन्तर एवं सर्वागीण विकास संभव हो सकें।