सुपर्णा सिंह ठाकुर शोधार्थी, भूगोल शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.) | डॉ. संगीता शुक्ला सहायक प्राध्यापक, भूगोल शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.) |
शोध सारांश
अधोसंरचनात्मक सुविधाओं की उपलब्धता ग्रामीण विकास एवं सामाजिक आर्थिक स्तर की सूचंकांक का घोतक है। किसी क्षेत्र की उपलब्ध अधोसंरचनात्मक सुविधायें यथा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़कमार्ग (परिवहन एवं संचार), कृषि नवाचार, सिंचाई, बाजार, विपणन केन्द्र की उपलब्धता उस क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक स्तर को प्रभावित करती है। प्रस्तुत अध्ययन क्षेत्र कोटा विकास खण्ड छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिला के उत्तरी मध्य भाग में अवस्थित कोटा विकासखण्ड की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 2,28,358 व्यक्ति है। प्रस्तुत अध्ययन की इकाई सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया का चयन दैव निदर्शन पद्धति से किया गया है। ग्राम सेमरिया की जनसंख्या 1499 व्यक्ति है, यह ग्राम अनुसूचित जनजाति बहुल ग्राम है। ग्राम की साक्षरता 2011 की जनगणना के अनुसार 58 प्रतिशत है। प्रस्तुत अध्ययन में प्राथमिक एवं द्वितीयक दोनों स्त्रोतो पर आधारित है। विधितंत्र के अन्तर्गत आँकड़ो का विश्लेषण, सारणीमूल एवं सांख्यिकीय विधियों से प्राप्त परिणाम के आधार पर ग्राम सेमरिया के अधोसंरनात्मक सुविधा की उपलब्धता एवं प्रभाव विश्लेषण किया गया है।
बीज शब्द- कृषि नवाचार, दैव निदर्शन, आंकड़ों का संग्रह अधोसंरनात्मक सुविधायें।
प्रस्तावना-
अधोसंरचनात्मक सुविधा अर्थात् किसी भी क्षेत्र या स्थान विशेष में उपलब्ध मूलभूत सुविधा जो उस स्थान पर निवासरत् जनसंख्या के विकास में तथा जीवन स्तर के सृदृढ़ता में सहायक हो। अन्य शब्दों में किसी स्थान पर उपलब्ध अधोसंरनात्मक सुविधाएँ अर्थात्-शैक्षणिक सुविधा, स्वास्थ्य सुविधा, विद्युत सुविधा परिवहन एवं संचार सुविधा, कृषि नवाचार, सिंचाई, बाजार विपणन केन्द्र की उपलब्धता आदि तथ्यों का समावेशन अधोसंरचनात्मक सुविधा ग्रामीण विकास में सहायक तथा विकास की गति को तीव्रता प्रदान करती है। ग्रामों में उपलब्ध सुविधाओं का प्रभाव ग्रामीण जन के विकासोन्मुखी जीवन की सृदृढ़ता को सुनिश्चित करता है। ग्रामों में सरकार द्वारा चलाए गए विकासोन्मुखी कार्यक्रमों का ग्रामों के विकास एवं अधोसंरचना के विकास में मुख्य भूमिका होती है।
अध्ययन क्षेत्र
प्रस्तुत अध्ययन क्षेत्र कोटा विकासखण्ड, छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के उत्तर मध्य भाग पर स्थित है। कोटा विकासखण्ड का भौगोलिक विस्तार 22015’ उत्तरी अंक्षाश से 22035’ उत्तरी अंक्षाश तथा 81005’ पूर्वी देशान्तर से 82050’ पूर्वी देशान्तर के मध्य है। कोटा तहसील का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 806.05 वर्ग कि.मी.

है। कोटा विकासखण्ड में कुल 19 पटवारी हल्का एवं 165 ग्राम इसके अंतर्गत आते है जिसके अंतर्गत 02 नगर पंचायत है। जिसमें कोटा के अंर्तगत 11 पटवारी हल्का एवं
रतनपुर के अंतर्गत 8 पटवारी हल्का है, जिसके कुल 165 ग्राम में आबाद ग्राम 162 तथा 3 ग्राम वीरान है। कोटा विकासखण्ड के उत्तर भाग में विकासखण्ड पेण्ड्रा, दक्षिणी भाग बिलासपुर विकासखण्ड एवं दक्षिण पश्चिम भाग में तखतपुर एवं पश्चिम में लोरमी विकासखण्ड तथा पूर्व में कटघोरा विकासखण्ड से सीमा वृत्त है। कोटा विकासखण्ड पेण्ड्रा पठार का भू-भाग है जिसकी समुद्र सतह से औसत ऊँचाई 470 मीटर है। पूर्वी भाग में छोटी-छोटी पहाड़ी काकोला, कर्मा पहाड़, चांडली पहाड़ अवस्थित है। कोटा विकास खण्ड की मुख्य नदी अरपा है, जो विकासखण्ड की पूर्वी सीमा बनाती हुई उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है। इस भू-भाग का ढाल उत्तर से दक्षिण होने के कारण अरपा नदी बिलासपुर से दक्षिण की ओर जाकर शिवनाथ नदी से मिलती है। इस नदी के प्रवाह मार्ग पर पाये जाने वाले विसर्प नदी प्रौढ़ावस्था को प्रदर्शित करती है।
जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार तहसील की जनसंख्या 2,28,358 व्यक्ति है, जिसमें पुरुष जनसंख्या 1,15,444 व्यक्ति तथा स्त्रियों की जनसंख्या 1,12,914 व्यक्ति है। विकासखण्ड में कुल साक्षरता 58.13 प्रतिशत है जिसमें पुरूष साक्षरता 59.34 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता 40.65 प्रतिशत है। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार विकासखण्ड में लिंगानुपात प्रति हजार पुरूषों पर 976 महिला है एवं जनसंख्या 198 प्रतिवर्ग किलोमीटर है।
अध्ययन ईकाई क्षेत्र
प्रस्तुत अध्ययन की इकाई ग्राम सेमरिया है। अध्ययन इकाई का चयन दैव निदर्शन पद्धति से किया है। सेमरिया का सामाजिक – आर्थिक स्तर का अध्ययन व्यक्तिगत सर्वेक्षण के द्वारा विश्लेषण किया गया है।
सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित जिला के बिलासपुर के कोटा विकासखण्ड के अंतर्गत आता है। सेमरिया ग्राम की भौगोलिक स्थिति 22030‘ उत्तरी अक्षांश एवं 8205‘ पूर्वी देशान्तर पर अवस्थित है। ग्राम का कुल क्षेत्रफल 6.89 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार यहाँ कुल आबादी आवासीय मकानों की संख्या 252 है एवं कुल परिवारों की संख्या 1233 है। वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार ग्राम की कुल जनसंख्या 712 व्यक्ति है, जिसमें पुरूष जनसंख्या 334 व्यक्ति एवं महिला जनसंख्या 378 है। इस ग्राम में 48 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजातियों की है।
ग्राम सेमरिया की धरातलीय संरचना में असमानता होने के कारण यहाँ समतल कृषि भूमि अपेक्षाकृत कम है तथा वन क्षेत्र अधिक है। ग्राम के पूर्व की ओर लगभग 3 कि.मी. की दूरी पर चांपी जलाशय स्थित है, इस जलाशय एवं नहर की एक शाखा इस ग्राम के निकट से जाती है। नहर के जल से सिंचाई एवं अन्य कार्यो के रूप में किया जाता है। ग्राम में 3 तालाब, 3 कुआं एवं नलकूपों का प्रयोग घरेलू निजी कार्यों में किया जाता है। यहाँ के लोगों का वनोपज से भी आर्थिकोपार्जन होता है। महुवा व तेंदूपत्ता का संग्रहण आदि का कार्य किया जाता है। यहाँ के वनों में सागौन और नीलगिरी के वृक्ष भी पाए जाते हैं। ग्राम में आम, पलाश, ईमली आदि के वृक्ष आमतौर पर ग्राम में आच्छादित है।
अध्ययन का उद्देश्य
प्रस्तुत शोध पत्र का उद्देश्य निम्नलिखित हैः-
- सर्वेक्षित ग्राम की भौतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण का अवलोकन कर अध्ययन एवं विश्लेषण करना।
- सर्वेक्षित ग्राम की अधोसंरचनात्मक सुविधाओं की उपलब्धता का आकंलन एवं मूल्याकंन करना।
- सर्वेक्षित ग्राम की मूलभूत सुविधाएँ जैसे- शैक्षणिक सुविधाएँ, पेयजल सुविधा, स्वास्थ्य सुविधा, सड़क एवं संचार सुविधा, विद्युत सुविधा, बाजार एवं विपणन की सुविधा आदि के अधोसंरनात्मक सुविधाओं के स्तर प्रभाव विश्लेषण करना।
परिकल्पना
- अध्ययन क्षेत्र में शैक्षणिक सुविधा पर निरंतर विकास हुआ है।
- अध्ययन क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव हुआ है।
आंकड़ो का संकलन एवं विधितंत्र
प्रस्तुत अध्ययन में आंकड़ों का स्त्रोत प्राथमिक एवं द्वितीयक दोनों प्रकार का है, प्राथमिक स्त्रोत में चयनित ग्राम का क्षेत्रीय अध्ययन कर व्यक्तिगत् सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों संकलित किये गये हैं। ग्राम सेमरिया के क्षेत्रीय अध्ययन 100 परिवारों का व्यक्ति सर्वेक्षित द्वारा अनुसूची प्रपत्र एवं साक्षात्कार के माध्यम से सूचनायें एकत्र किये गए हैं। द्वितीयक स्त्रोत में जनगणना रिपोर्ट 1981, 1991, 2001 एवं 2011 से आंकड़े प्राप्त किये गए है तथा सांख्यिकीय कार्यालय, भू-अभिलेख एवं कृषि भूमि उपयोग भू-अभिलेख कार्यालय से एकत्र किये गए हैं।
विधितंत्र
प्रस्तुत अध्ययन में विधितंत्र के अंतर्गत सर्वप्रथम संकलित प्राथमिक एवं द्वितीयक स्त्रोत से प्राप्त आंकड़ों को वर्गीकरण कर सारणीयन किया है, तत्पश्चात् ग्राम की सामाजिक-आर्थिक एवं अधोसंरचनात्मक सुविधाओं का विश्लेषण विभिन्न सूचकांकों सूत्रों के द्वारा आंकड़ो का तुलनात्मक अध्ययन किया है। इस हेतु सांख्यिकीय तकनीक का प्रयोग कर औसत प्रतिशत, वृद्धि दर एवं ग्राम की अधोसंरचनात्मक सुविधाओं का मूल्यांकन कर स्तर सूचकांक किया गया है।
(अ) अध्ययन क्षेत्र के जनसंख्या स्वरुप का अध्ययन
(1) जनसंख्या स्वरुप एवं वृद्धि- किसी भी क्षेत्र के मानव संसाधन के रूप में जनसंख्या एक महत्वपूर्ण घटक है। जनसंख्या के अंतर्गत जनांकीकीय विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। जनगणना इसका प्रमुख अंग है, जनगणनाओं में किसी क्षेत्र देश के आंकड़े एकत्रित किये जाते है।
जिसमें किसी क्षेत्र के जनसंख्या का विवरण किस प्रकार है।
सारणी क्रमांक – 01
ग्राम सेमरिया – जनसंख्या स्वरुप जनगणना वर्ष (1981-2011)
जनगणना वर्ष | कुल जनसंख्या | पुरूष जनसंख्या | महिला जनसंख्या |
1981 | 712 | 334 | 378 |
1991 | 999 | 484 | 515 |
2001 | 1088 | 523 | 565 |
2011 | 1499 | 730 | 769 |
2024 (100 परिवार) | 551 | 294 | 257 |
स्त्रोत: जिला जनगणना पुस्तिका 1981 -2011 वर्ष एवं व्यक्तिगत् सर्वेक्षण 2024

उपर्युक्त सारणी से स्पष्ट है कि सर्वेक्षित ग्राम-सेमरिया में वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 712 थी, जिसमें पुरूष जनसंख्या 334 व्यक्ति एवं महिला जनसंख्या 378 व्यक्ति जो वर्ष 1991 में जनसंख्या बढ़कर कुल जनसंख्या 999 व्यक्ति थी, जिसमें पुरूष 484 तथा महिला जनसंख्या 515 व्यक्ति थी। वर्ष 2001 में कुल जनसंख्या 1088 थी जिसमें पुरूष जनसंख 523 तथा महिला जनसंख्या 565 हो गयी। क्रमशः जनसंख्या में वृद्धि हुई 2011 में 1499 हुई जिसमें पुरूष जनसंख्या 730 व्यक्ति तथा महिला जनसंख्या 769 हुई। स्पष्ट है कि जनसंख्या में उत्तरोत्तर विकास हुआ है, जिसका कारण उपलब्ध अधोसंरचनात्मक सुविधाओं में सड़क मार्ग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्रमुख है। वर्ष 2024 में व्यक्तिगत् सर्वेक्षण के अनुसार ग्राम-सेमरिया के 100 परिवारों का क्षेत्रीय सर्वेक्षण किया गया जिसमें कुल जनसंख्या 591 व्यक्ति है जिसमें पुरूष जनसंख्या 294 व्यक्ति एवं महिला जनसंख्या 257 है।
उपर्युक्त सारणी से स्पष्ट है कि सर्वेक्षित ग्राम-सेमरिया में वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 712 थी, जिसमें पुरूष जनसंख्या 334 व्यक्ति एवं महिला जनसंख्या 378 व्यक्ति जो वर्ष 1991 में जनसंख्या बढ़कर कुल जनसंख्या 999 व्यक्ति थी, जिसमें पुरूष 484 तथा महिला जनसंख्या 515 व्यक्ति थी। वर्ष 2001 में कुल जनसंख्या 1088 थी जिसमें पुरूष जनसंख 523 तथा महिला जनसंख्या 565 हो गयी। क्रमशः जनसंख्या में वृद्धि हुई 2011 में 1499 हुई जिसमें पुरूष जनसंख्या 730 व्यक्ति तथा महिला जनसंख्या 769 हुई। स्पष्ट है कि जनसंख्या में उत्तरोत्तर विकास हुआ है, जिसका कारण उपलब्ध अधोसंरचनात्मक सुविधाओं में सड़क मार्ग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्रमुख है। वर्ष 2024 में व्यक्तिगत् सर्वेक्षण के अनुसार ग्राम-सेमरिया के 100 परिवारों का क्षेत्रीय सर्वेक्षण किया गया जिसमें कुल जनसंख्या 591 व्यक्ति है जिसमें पुरूष जनसंख्या 294 व्यक्ति एवं महिला जनसंख्या 257 है।
2) जनसंख्या वृद्धि- जनसंख्या में वृद्धि से तात्पर्य किसी विशिष्ट अवधि में किसी विशेष क्षेत्र में जनसंख्या में हुए परिवर्तन को दर्शाया जाता है। जनसंख्या वृद्धि होने पर यह धनात्मक एवं हृस होने पर ऋणात्मक होता है जिसे प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। अध्ययन क्षेत्र में निम्नांकित सूत्र से जनसंख्या का दशाब्दिक वृद्धि दर ज्ञात किया जाता है।


उपरोक्त सारणी के अनुसार ग्राम सेमरिया में क्रमशः जनसंख्या में वृद्धि देखा गई है जिसमें वर्ष 1991 में 40.30 प्रतिशत, वर्ष 2001 में 39.78 प्रतिशत एवं 2011 में 49.35 प्रतिशत हुई है तथा व्यक्तिगत सर्वेक्षण के द्वारा 100 परिवारों में 63.24 प्रतिशत वृद्धि दर ज्ञात की गई है। जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण अधोसंरचना सुविधाओं का विस्तार है।
(3) लिंगानुपात- लिंगानुपात का तात्पर्य स्त्रियों एवं पुरूषों के पारस्परिक अनुपात से है। किसी जनसंख्या में स्त्रियों एवं पुरूषों का संघटन की माप लिंगानुपात के द्वारा की जाती है।
किसी क्षेत्र की जनसंख्या में प्रति हजार पुरूषों पर स्त्रियों की संख्या का अनुपात अर्थात्
लिंगानुपात=



उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में लिंगानुपात जनगणना वर्ष 1981 में 1131 है जो की सभी जनगणना वर्षो से अधिक है। क्रमशः लिंगानुपात वर्ष 1991 में 1064 जो की ऋणात्मक होकर घट गई, तत्पश्चात् वर्ष 2001 में 1080 तथा वर्ष 2011 में 1053 रही है। व्यक्तिगत सर्वेक्षण के द्वारा 100 परिवारों के सर्वेक्षण में लिंगानुपात पुनः कम है 874 जिसका कारण परिवार नियोजन है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में भी पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या में कमी है।
(4) जातिवर्ग संरचना- भारत ग्रामों का देश है एवं जाति संरचना को ग्रामीण व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। ग्रामों में विभिन्न धर्म, जाति, रीति-रिवजा एवं संप्रदाय व परम्पराओं को अनुग्रहण करने वाली जनसंख्या निवास करती है। ग्राम सेमरिया में अनुसूचित जनजाति जनसंख्या बहुल ग्राम है।

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि ग्राम सेमरिया में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में वृद्धि वर्ष 1991 को छोड़कर उत्तरोत्तर वृद्धि है। अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या वर्ष 1981 में 359 व्यक्ति थे। जो वृद्धि 1991 में 517 हुई। पुनः वर्ष 2001 में यह जनसंख्या बढ़कर 583 हुई एवं वर्ष 2011 में 727 व्यक्ति हुई। जनसंख्या में कमी कारण ग्राम से जनसंख्या का स्थानांतरण है एवं स्वास्थ्य सुविधा की कमी के कारण मृत्युदर भी प्रभावित हुई।
(5) आयु संरचना- आयु संरचना जनांकीय अध्ययन का एक महत्वपूर्ण अंग है। किसी जनसंख्या में आयु या आयु वर्गो के अनुसार जनसंख्या के वितरण को प्रदर्शित करता है इसे आयु संरचना कहते हैं।

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में किशोर आयु वर्ग 135 एवं युवा व प्रौढ़ आयु वर्ग की जनसंख्या 335 सर्वाधिक है।
(6) साक्षरता- भारत में शिक्षा और साक्षरता दोनों के मध्य मौलिक अन्तर पाया जाता है। साक्षरता अर्थात् जो व्यक्ति किसी भाषा में पढ़ना-लिखना या अपना हस्ताक्षर करना जानता हो उसे साक्षर माना जाता है। जबकि शिक्षा या शिक्षित होने के लिए पाठशाला उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है।
साक्षरता दर ज्ञात करने के लिए निम्नांकित सूत्रों का प्रयोग किया जाता है।
साक्षरता दर =

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया की वर्ष 1981 की जनगणनानुसार कुल साक्षरता दर 16.1 प्रतिशत थी, वर्ष 1991 में यह बढ़कर 24.72 प्रतिशत लगभग दुगने गति से साक्षरता दर में वृद्धि हुई एवं वर्ष 2001 में 44.3 प्रतिशत तथा क्रमशः बढ़ते हुए वर्ष 2011 में यह 53.3 प्रतिशत हुई। वर्ष 2024 में 100 परिवारों के व्यक्तिगत सर्वेक्षण के आधार पर साक्षरता दर 62.9 प्रतिशत है, जिसका प्रमुख कारण सरकार द्वारा चलाए जा रहे अनेक शैक्षणिक स्तर पर कार्यक्रमों का क्रियान्वयन एवं ग्राम में अन्य सुविधाओं अर्थात् अधोसंरचनात्मक सुविधाओं की उपलब्धता होने के कारण साक्षरता में निरंतर वृद्धि देखी गई है।

(7) व्यवसायिक संरचना- व्यवसायिक संरचना अर्थात् जीवकोपार्जन के लिए की जाने वाली आर्थिक क्रियाओं को व्यवसाय कहते है तथा किसी स्थान की कुल जनसंख्या में कार्यरत् जनसंख्या के विभिन्न व्यवसाय अथवा कार्यो में संलग्नता का अध्ययन करना व्यवसायिक संरचना के अंतर्गत आता है।







सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में समय अंतराल के साथ-साथ कृषकों की संख्या में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। खेतिहर मजदूर की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है। शिक्षा का विकास एवं प्रवास के कारण अन्य कार्यो में संलग्नता बढ़ी है। जनगणना वर्ष 1981, 1991, 2001, 2011 में क्रमशः कृषकों की संख्या 54.2%, 60.5%, 45.29%, 13%, 18% व्यक्तिगत सर्वेक्षण के आधार पर है। उसी प्रकार खेतिहर मजदूरों की संख्या में क्रमशः वृद्धि हुई है। 24.2%, 22.3%, 50.1%, 71%, 67.8% है। पारिवारिक उद्योग में संलग्नता में भी कमी देखी गई है जो कि क्रमशः 17.4%, 8.1%, 2.00%, 1.8%, 4.5% है। अन्य कार्य में संलग्न क्रमशः 4%, 8.9%, 2.4%, 14%, 9.5%, है।
[ब] सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में उपलब्ध अधोसंरचनात्मक सुविधाएँ-
(1) शैक्षणिक सुविधाएँ- ग्राम में उपलब्ध शैक्षणिक संस्थान अर्थात् विद्यालय, महाविद्यालयों एवं प्रशिक्षण सुविधा जहाँ निवासरत् जनसंख्या शिक्षा प्राप्त कर सके। ग्राम सेमरिया में शैक्षणिक सुविधा निम्नानुसार है।

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि ग्राम सेमरिया में वर्ष 1991 में शैक्षणिक सुविधा केवल प्राथमिक शाला संख्या केवल 01 थी। वर्ष 2001 एवं 2011 में आँगनबाड़ी 01, एवं 03 प्राथमिक शाला की उपलब्धता है किन्तु माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक शाला की सुविधा ग्राम से लगभग 05 कि.मी. से 10 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। धीरे-धीरे शैक्षणिक स्तर पर यहाँ विकास हुआ है एवं कोटा विकासखण्ड में आगे की शिक्षा प्राप्त करने जाते हैं।
(2) पेयजल सुविधा- जनसंख्या की प्राथमिक सुविधा के रूप में पेयजल अत्यधिक महत्वपूर्ण तत्व है। कृषि उपयोग सहित पेयजल की उपलब्ध्ता में अत्याधिक आवश्यक है। ग्राम में पेयजल सुविधा की दृष्टि से कुंआ हैण्डपंप आदि स्त्रोत है। तालाबों का उपयोग नहाने, कपड़ा धोनें, मत्स्यपालन तथा अन्य कार्यो के निस्तारी के लिए किया जाता है। नलकूप का कृषि कार्य हेतु सिंचाई के लिए किया जाता है। इस ग्राम के निकट चांपी जलाशय है जिसमे ग्राम के समीप नहर की सुविधा उपलब्ध है।

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में पेयजल सुविधा हेतु कुंआ तथा हैण्डपंप 1991 में इनकी संख्या में क्रमशः 2001, 2011, 2024 में इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। ग्राम में तालाबों की संख्या में कमी आई है क्योकि वर्तमान समय में नलकूप या टयूबवेल की संख्या में दृष्टि हुई, जिसका। प्रमुख का लोगों की आर्थिक स्थिति मे सुधार एवं विकास होने के कारण इसकी संख्या में वृद्धि हुई है। पेयजल की सुविधा ग्राम में अत्यधिक समृद्व है।
(3) स्वास्थ्य सुविधा- किसी ग्राम में अधोसंरचना में स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। ग्राम में स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता नही है किन्तु यहाँ की जनंसख्या ग्राम में 3 सें 5 कि.मी. की दूरी पर कोटा जाते है। स्थानीय लोग झाड़-फूंक, बैगा जो कि आदिवासी परम्पराओं पर आधारित जिसका का प्रभाव ग्राम में देखने को मिलता है।

(4) बाजार एंव विपणन सुविधा- ग्राम सेमरिया में सप्ताहिक बाजार की उपलब्धता हैं जनंसख्या की मूलभूत जीवनयापन की सामाग्री की पूर्ति बाजार से होती है। ग्राम में सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली (PDS) की उपलब्धता भी है।

(5) संचार एंव विद्युत सुविधा- संचार के प्रमुख साधन पत्र-पत्रिका एंव टी.वी, रेडियो, मोबाइल आदि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम सें स्भावित सूचना तंत्र सम्मिल्ति है। वर्तमान समय में भारत के सभी राज्य एंप राज्य के सभी ग्रामों मे विधुतीकरण किया गया है। वर्तमान समय में ग्राम सेमरिया में 8-10 घण्टे की उपलब्धता है। मोबाईल के माध्यम सें संचार साधन में सुगमता दिखाई पड़ती है।

उपरोक्त तालिका के अनुसार ग्राम सेमरिया विद्युतीकृत ग्राम के साथ-साथ संचार के माध्यम से सम्पन्न है। वर्तमान समय मे संचार का सबसे सुगम साधन मोबाइल है जिससे लोग देश-विदेश की जानकारी एंव डिजीटलकरण के माध्यम से आज के समय में सभी कार्य मोबाईल के माध्यम से सुगंमता से किया जाता है।
(6) परिवहन सुविधा- किसी भी क्षेत्र में आर्थिक सामाजिक विकास को गति देने के लिए परिवहन के साधनो का विकास किया जाता है। सर्वप्रथम सड़क सुविधा मार्ग को विकसित किया जाता है। जिसमें किसी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँच मार्ग सुगम हो। सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में ग्रामीण जन के पास बैलगाड़ी, टैक्टर, मोटर साइकल, आदि परिवहन के साधनों की उपलब्धता है।

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि ग्राम सेमरिया में परिवहन सुविधा मार्ग आंशिक रूप से पक्की सड़क सुविधा उपलब्ध है। ग्राम सेमरिया में बस सुविधा एवं रेल्वे स्टेशन की सुविधा कोटा से उपलब्ध होती है। ग्राम में परिवहन सुविधा के साथ-साथ ग्रामीण लोगों को पास ट्रेक्टर, बैलगाड़ी एवं साइकिल, मोटरसाईकिल की उपलब्धता है।
(7) अन्य सुविधाएँ- सर्वेक्षित ग्राम में सामाजिक आर्थिक विकास कें अन्य अधोसंरचनात्मक सुविधाएं भी उपलब्ध है। सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत् विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत रोजगार गांरटी योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना (आयुष्मान भारत), मितानीन योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़ंक योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, खाद्यान योजना, वृद्धा पेंशन योजना आदि का क्रियान्वयन हुआ है। अनुसूचित जाति एंव जनजाति व भूमिहीन परिवारों को आवास प्रदान किया गया है। समय-समय ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत् जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।
निष्कर्ष :
निष्कर्षताः सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में अधोसंरचनात्मक सुविधायें के अध्ययन से स्पष्ट है कि यहां शैक्षणिक स्तर का विकास मे अभी प्राथमिक स्तर है। 03 प्राथमिक पाठशाला है। माध्यमिक एवं उच्चत्तर शिक्षा हेतु ग्राम के दो किलोमीटर की दूरी पर मझगांँव ग्राम में कक्षा आठवी तक अध्ययन हेतु बच्चे साइकिल के माध्यम से जाते है एवं बस द्वारा उच्चतर हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी पढ़ने हेतु बेलगहना एवं कोटा तथा पिपरतराई में अध्ययन करने हेतु जाते है। क्षेत्रीय अध्ययन से ही, यह ज्ञात हुआ है कि बस द्वारा ही महाविद्यालय, कोटा, एंव पिपरतराई में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पढ़ने हेतु ग्राम के 35 छात्र-छात्राऐं जाती है। यह ग्राम सेमरिया के 10 से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। स्वास्थ्य सुविधा के अंतर्गत क्षेत्रीय अवलोकन से पाया गया कि ग्राम में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र नहीं है। दवाखाना है जिसमें डाक्टर उपलब्ध है। परन्तु गहन चिकित्सा हेतु प्राईवेट में ये जिला बिलासपुर चिकित्सालय आते हैं एवं निकटवर्ती क्षेत्र गानियारी ग्राम में स्वास्थ्य उपचार के लिये जाते हैं। एम्बूलेन्स की सुविधा इन्हे दूरभाष द्वारा द्वारा प्राप्त हो जाती है। स्वास्थ्य संबंधी योजना का लाभ आँगनबाड़ी के प्रचारकों से मिलता है। महतारी वंदन योजना, जननी सुरक्षा योजना एवं अन्य समय-समय में लागू की गई योजना का लाभ ग्राम के निवासियों को मिलता है। झाड़-फूंक बैगा, गुनिया जैसे इलाज पर विश्वास है। लेकिन जैसे कि सर्वेक्षण के दौरान बताया गया कि कुछ परिवार पिछड़ी जनजाति वाले परिवार मे अभी भी झाड़-फूंक की परम्परा है। संचार एंव डाक सुविधायें के अन्तर्गत-ग्राम मे विद्युत सुविधा वर्ष 1985 से है। 01 घण्टा या कभी 02 घण्टा विद्युत में कटौती की जाती है। डाकघर ग्राम में है। प्रत्येक घर में मोबाइल है। अखबार की सुविधा 10 परिवार में है। दैनिक भास्कर समाचार ग्राम मे पहुँचता है।
निकटवर्ती बैंक शाखा बेलगहना क्षेत्र है। जो सेमरिया ग्राम से 05 किलोमीटर है। उन्नत बीज केन्द्र, धान संग्रहण केन्द्र, रासायनिक खाद, कीटनाशक बीज केन्द्र बेलगहना क्षेत्र के प्राप्त हो जाता है। सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में पेयजल की आपूर्ति हेतू हेण्डपम्प की सुविधा है। ग्राम में 10 हेण्डपम्प सरकारी व्यवस्था से है। ग्राम में तालाब की संख्या 11 है, जो निस्तारी-कार्य, दैनिक कार्य एवं खेतों में सिंचाई हेतु उपयोग किया जाता है। समेरिया ग्राम से 05 किलोमीटर की दूरी पर नाख खौला बाँध है। जिसका उपयोग कृषि भूमि में सिचाई हेतु छोटी नहर के द्वारा बाँध के जल का उपयोग किया जाता है। प्राकृतिक वनस्पति के रूप में ग्राम के सीमा क्षेत्र में जगंल है। सागौन, सरई, के वृक्ष है। ग्राम में आम, बरगद, पीपल के वृक्ष हैं। घरो के बाहर उनकी बाड़ी है जिसमें ग्रामीण अपने दैनिक उपयोग हेतु साग सब्जी फल में केला, पपीता, अमरूद इत्यादि उगाते हैं।
गाँव के जंगल से वनोपज में महुॅआ और तेन्दुपत्ता एकत्र करते हैं। मौसमी सीजन में इन्हे इनसे 01 सैकड़ा तेन्दूपत्ता का संग्रहण करने पर सरकारी कीमत प्रति सैकड़ा 4000 रू. की आय प्राप्त हो जाती हैं। एक बंडल इनका 50 पत्ता के बनता है। महुॅआ से यहाँ की जनजाति तेल निकालते हैं। गुल्ली महुआ तेल को खाने के लिये उपयोग करते है। लकड़ी में बाँस काटते हैं। बाँस का उपयोग कुटीर उद्योग के रूप में विकसित है। इसके अतिक्ति वनां के कन्दमूल मौसमी फलों का विक्रय करते हैं। यहाँ बिंझवार जनजाति के लोग अधिक निवासरत हैं। यह ग्राम आदिवासी जनजाति बाहुल ग्राम हैं। यहाँ अधिवास का प्रारूप कच्चा मकान एवं पक्का मकान दोनां हैं। ग्राम की अधोसंरचना सुविधा का प्रभाव ग्राम में क्षेत्रीय सर्वेक्षण से जानकारी प्रापत करने पर स्पष्ट दिखाई दिया। आंतरिक गलियाँ कच्ची सड़के में कच्चे आवासीय मकान है। बाँध की तरफ कच्ची मार्ग हैं। ग्राम के मध्य भाग चौराहा में पक्के मकानें एवं कांकरीट सड़के कम चौड़ाई वाली है। ग्राम में स्वच्छता है। कुछ घरो में बाइक गाड़िया है, ट्रेक्टर हैं। थ्रेसर मशीन है। हल भी है। ग्रामीण क्षेत्र में गाय, बैल की संख्या प्रत्येक घर में है। 200 से ऊपर पशुधन है। जिसमें गाय, बछड़ा, भैंस, बकरी, मुर्गी है। कृषि उपकरणां की संख्या अधिक है। 70 परिवार कृषक है। मजदूरी कार्य 05 परिवार में है। रोजगार गारंटी योजना एवं आवासी गृह निर्माण कार्य एवं मनरेगा के तहत् ये ग्रामीण लोग मजदूरी कार्य में जाते हैं। सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया में प्रधानमंत्री शौचालय के सुविधा प्रत्येक घर में है जो अवलोकन से पाया गया हैं। अधोसंरचनात्क का प्रत्यक्ष प्रभाव यह पाया गया है कि ग्राम शान्तप्रिय वातावरण में है। लोग आपस में मिल जुलकर रहते हैं। निमित सहमति एवं पारम्परिक कार्यक्रमों का सामुहिक आयोजन करते है। गणेश, नवरात्रि पर्व, गौरा-गौरी पूजा, जैतखाम्भ उत्सव, नाँच, गाना मंच इत्यादि बनाकर उत्सव मनाते है। यादव लोग राउत नाँचा, सुआ नृत्य व दीवाली का उत्सव मनाते हैं। हरेली अमावस्या में नागर पूजा करते है।
विवाह व्यवस्था में सामूहिक विवाह भी होता है निकटवर्ती क्षेत्र शिवतराई ग्राम में यह आयोजित किया जाता है जैसा कि सर्वेक्षण के दौरान यह बताया गया है। समूह संस्था विवाहित जोड़ो को 10 हजार प्रदान करती है। शिक्षा सुविधा में कमी होने के बावजूद यहाँ के निवासी में जागरूकता है। ये अपनी कन्याओ की पढ़ाई हेतु हायर सेकेण्डरी एवं महाविद्यालय शिक्षा प्राप्त करने हेतु ग्राम से दूर भेजती है। कन्या साइकिल योजना का लाभ लेते है। यहाँ के अन्य युवा वर्ग निकटवर्ती केन्द्रो में आय प्राप्ति हेतु अन्य कार्यो में संलग्न है। ग्राम से सुबह 9 बजे शहर में, रेस्टोरेंट, कम्पनी में, कारपेरेट मे, मकान निर्माण में, विद्युत कार्यो में एवं कपड़ा दुकानों में कार्य करने जाते है एवं शाम रात तक घर वापस आ जाते हैं। अर्थात यहाँ की 20 प्रतिशत जनसंख्या अन्य कार्यो में संलग्न है सेवायें दे रही है। जागरूकता यहाँ की सकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित करती है। आदिवासी जनजाति बाहुल क्षेत्र होने के बावजूद निष्कर्षतः यह ग्राम ग्रामीण विकास और लघु आर्थिक अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।
संदर्भ सूची
- (01) Agrawal, A.N. and S.P. singh (eds) (1999) : The Economics of under Development. New Delhi University.
- (02) Ghosh Madhusudan – 2017: Infrastructure and Devlopment In Rural India, Margin The Journal of Appled Economic Research II(3) 256-289.
- (03) Jha Sangeeta (2017) : “Levels of literacy & Educational Attainment in Vadodara District with Reference of Rural Area.”
- (04) Katar singh (1986) : Rural Development : Principals, Policies and Management, sage publications, New Delhi.