अधोसंरचनात्मक सुविधाओं की उपलब्धता एवं प्रभाव (कोटा विकास खण्ड के (छत्त्तीसगढ़ राज्य) सर्वेक्षित ग्राम-सेमरिया के संदर्भ में)

सुपर्णा सिंह ठाकुर
शोधार्थी, भूगोल
शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर
महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.)
डॉ. संगीता शुक्ला
सहायक प्राध्यापक, भूगोल
शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर
महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.)

शोध सारांश

अधोसंरचनात्मक सुविधाओं की उपलब्धता ग्रामीण विकास एवं सामाजिक आर्थिक स्तर की सूचंकांक का घोतक है।  किसी क्षेत्र की उपलब्ध अधोसंरचनात्मक सुविधायें यथा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़कमार्ग (परिवहन एवं संचार), कृषि नवाचार, सिंचाई, बाजार, विपणन केन्द्र की उपलब्धता उस क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक स्तर को प्रभावित करती है। प्रस्तुत अध्ययन क्षेत्र कोटा विकास खण्ड छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिला के उत्तरी मध्य भाग में अवस्थित कोटा विकासखण्ड की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 2,28,358 व्यक्ति है। प्रस्तुत अध्ययन की इकाई सर्वेक्षित ग्राम सेमरिया का चयन दैव निदर्शन पद्धति से किया गया है। ग्राम सेमरिया की जनसंख्या 1499 व्यक्ति है, यह ग्राम अनुसूचित जनजाति बहुल ग्राम है।  ग्राम की साक्षरता 2011 की जनगणना के अनुसार 58 प्रतिशत है।  प्रस्तुत अध्ययन में प्राथमिक एवं द्वितीयक दोनों स्त्रोतो पर आधारित है। विधितंत्र के अन्तर्गत आँकड़ो का विश्लेषण, सारणीमूल एवं सांख्यिकीय विधियों से प्राप्त परिणाम के आधार पर ग्राम सेमरिया के अधोसंरनात्मक सुविधा की उपलब्धता एवं प्रभाव विश्लेषण किया गया है।

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